छत्तीसगढ़ जिला-जनपद पंचायत कमर्चारी संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक रायपुर में सम्पन्न

अमित गौतम की कलम से

बिलासपुर /रायपुर –:: संघ ने मांगा शासन से संविलियन
रायपुर/श्री भामाशाह साहू छात्रावास भवन, साहू काम्प्लेक्स टिकरापारा, रायपुर के सभाकक्ष में पूरे प्रांत के जिला एवं जनपद पंचायत कमर्चारियों की प्रांतीय बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें संघ के प्रातांध्यक्ष नंदलाल साहू एवं संघ के प्रांतीय सचिव बी.आर.साहू संघ के कायर्कारी प्रांताध्यक्ष संतोष सोनी, उप प्रांताध्यक्ष सत्येन्द्र सिन्हा ने अपने उद्बोधन में संयुक्त रूप से मिडिया को बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बनाये गए छत्तीसगढ़ पंचायत (भर्ती तथा सेवा शर्ते) नियम 1999 में बनायें गए प्रावधान के अनुसार जिला एवं जनपद पंचायतो में कमर्चारियों की नियुक्ति गठित समिति के माध्यम से की जाती है।

प्रातांध्यक्ष नंदलाल साहू ने आगे चर्चा के दौरान बताया कि छ.ग. पंचायतराज अधिनियम 1993 की धारा 131 में जिला/जनपद पंचायतों के कमर्चारियों को वेतन, भत्ते, पेंशन एवं सेवानिवृत्त के लाभ दिये जाने का प्रावधान भी उल्लेखित है। शासन द्वारा स्वीकृत त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओ के अंतगर्त जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में सेटअप के अनुसार 1703 पद सृजित है। परन्तु वतर्मान में उक्त स्वीकृत पदों के विरूद्ध लगभग 800 पद भरे हुए है।

संघ के प्रांतीय सचिव बी.आर.साहू ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वतर्मान में जनपद एवं जिला पंचायत के कमर्चारियों को अंशदान भविष्य निधि योजना का लाभ दिया जा रहा है, किन्तु शासन के स्पष्ट निर्देश नहीं होंने के कारण सेवानिवृत्ति पश्चात् पेंशन की लाभ से वंचित है। पंचायती राज व्यवस्था के विकेन्द्रीकरण के अंतगर्त जिला एवं जनपद पंचायतों को अधिकारो के प्रत्यायोजन के अन्तगर्त 23 से भी ज्यादा विभागों के कार्य/योजना के सुचारू संचालन हेतु महती भूमिका दी गई है, जिसके तहत् शासकीय विभागो के अधिकारियों एवं कमर्चारियों के साथ समेकित प्रयास से जिला/जनपद पंचायत के कमर्चारीगणों के द्वारा भी समान रूप से शासन के कार्यो एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है

कायर्कारी प्रांताध्यक्ष संतोष सोनी ने बताया कि यह बेहद आश्चर्य एवं सत्य यह है कि समान जिम्मेदारी एवं समान कार्य करने वाले शासकीय अधिकारी/कमर्चारियों को शासन की समस्त सुविधायें, वेतन भत्ते तथा पेंशन प्राप्त होती है किन्तु इन्ही शासकीय मित्रों के साथ-साथ एक समान कार्य करने वाले जिला/जनपद पंचायतों के मूल कमर्चारियों को पेंशन से वंचित रखा गया है जो मानवीय दृष्टिकोण से अत्यंत कष्टप्रद है तथा हम अपने आप को उपेक्षित महसुस करते है। यहां तक की महात्मा गांधी के पंचायतीराज के सपने को पूरा करने वाले हम जिला-जनपद पंचायत के कमर्चारियों की स्थिति खुद निराश्रित पेंशन पाने लायक तक नहीं रह जाती है जो कि आधुनिक शासन व्यवस्था में अत्यंत वेदनाकारी है।

पंचायत कमर्चारी संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी

उप प्रांताध्यक्ष सत्येन्द्र सिन्हा ने प्रश्न के दौरान बताया कि शासकीय कमर्चारियों की भांति जिला एवं जनपद पंचायत के मूल कमर्चारियों को शासकीय वेतनमान दिया जा रहा है, किन्तु वेतन जनपद निधि में प्राप्त स्टाम्प शुल्क की राशि तथा जिला पंचायत में समान्य प्रयोजन हेतु प्राप्त राशि से देय होती है किन्तु जिस आधार पर स्टाम्प शुल्क की राशि जनपद पंचायतों को प्रदाय की जाती है उसमें कुछ जनपदो को कमर्चारियों के वेतन भत्ते हेतु पयार्प्त राशि नहीं मिलती, जिसके कारण पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 131 में उल्लेखित लाभ कमर्चारियों को नही मिल पा रहा है।

संघ के प्रांतीय सचिव बी.आर.साहू ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सन् 1981 से 1989 के बीच जनपद पंचायत के अधिकारी/कमर्चारी रहे डाॅक्टर, वैद्य, कम्पाउंडर वाटरमैन एवं शिक्षकगण आदि को शासन द्वारा पूर्व में ही संबंधित विभाग में संविलियन कर लिया गया है किन्तु जिला-पंचायत में प्रदस्थ लिपकीय केडर एवं भृत्य को संविलियन से वंचित रखा गया है, जिस पर शासन की संवेदनशीलता का आग्रह है। वतर्मान में छ.ग.शासन द्वारा मत्स्य कृषक विकास अभिकरण के कमर्चारियों को मछली पालन विभाग में तथा जिला एवं जनपद के कमर्चारियों द्वारा जिन शिक्षक (पंचायत) संवर्ग की नियुक्ति की गई थी, उन शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के कमर्चारियों का शासन द्वारा जुलाई 2018 में शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है।

आज की प्रांतीय बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं पंचायत मंत्री टी.एस. सिंहदेव से माँग के लिये प्रस्ताव पारित किया गया कि छ.ग. शासन जिला-जनपद कमर्चारियों जिसकी संख्या वतर्मान में लगभग 800 मात्र है, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से संविलियन किया जाय। बैठक में उपस्थित सेवानृवित्त कमर्चारीयों ने हाईकोर्ट जाने का भी निणर्य लिया गया है।

आज की प्रांतीय बैठक में प्रमुख रूप से डी.के. महोबिया संयोजक, नंदलाल साहू प्रांताध्यक्ष, बी.आर. साहू प्रांतीय सचिव, संतोष सोनी कायर्कारी प्रांताध्यक्ष, संत्येन्द्र सिन्हा, एस.जी. गोस्वामी उप प्रांताध्यक्ष, गायत्री गुप्ता जिला शाखाध्यक्ष बिलासपुर, आर.एल. साहू राजनांदगांव, नीलमणी दुबे धरसींवा, एस.बी. सिंह जशपुर, दानी दास मानिकपुरी कबीरधाम, दीपक राजपूत प्रांतीय कोषाध्यक्ष, डी.आर. साहू, राजेन्द्र वर्मा
संगठन मंत्री सहित पूरे प्रांत के जिलाध्यक्ष एवं जिला जनपद पंचायत के कमर्चारी उपस्थित थे। कायर्क्रम का संचालयन संतोष सोनी कायर्कारी प्रांताध्यक्ष जांजगीर चांपा द्वारा किया गया।

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